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UPI New Rules 2025: October 1 से UPI को लेकर सरकार करने जा रही है 5 बड़े बदलाव, करोड़ो लोगो को हो सकती है दिक्कत

UPI (Unified Payments Interface) अब हमारी जेब का सबसे ज़रूरी हिस्सा बन गया है। सुबह की चाय से लेकर बड़े online shopping तक, सब कुछ UPI से हो रहा है।

पर सुनो, जब सिस्टम इतना बड़ा हो जाता है, तो उसे stable और safe रखना भी ज़रूरी है। इसलिए NPCI (National Payments Corporation of India) ने 2025 में कुछ rules बदले हैं। ये changes इसलिए किए गए हैं ताकि UPI सिस्टम ज़्यादा तेज़, ज़्यादा सुरक्षित और ज़्यादा स्टेबल हो सके।

2025 में August 1 और October 1 से कुछ बड़े बदलाव लागू हुए हैं, जो सीधे हम यूजर्स पर असर डालेंगे। चलो, देखते हैं क्या है ये सब!

बदलाव की ज़रूरत क्यों पड़ी? (Reason for UPI Changes)

देखो भाई, UPI का transaction volume इतना बढ़ गया है कि सिस्टम पर huge load आ गया है। बार-बार balance check करने या failed transaction का स्टेटस चेक करने से सर्वर पर बहुत प्रेशर पड़ता है।

  • NPCI का Logic: सिस्टम को smooth रखना है, खासकर Peak Hours (10 AM – 1 PM और 5 PM – 9:30 PM) में।
मुख्य कारण लक्ष्य (Goal)
सिस्टम ओवरलोड Failed transactions कम करना।
सुरक्षा बढ़ाना Fraud risks को कम करना।
दक्षता Settlement प्रक्रिया को तेज़ करना।

August 2025 से लागू हुए ज़रूरी नियम (Major Rules from August)

ये नियम August 1, 2025 से लागू हो चुके हैं और ये हमारी daily habits को सीधे प्रभावित करेंगे:

  1. Balance Check पर Limit:
    • यार, अब तुम हर दिन, हर UPI ऐप पर, सिर्फ़ 50 बार ही अपना bank balance चेक कर सकते हो।
    • क्यों? ताकि बैंकिंग API पर लोड कम हो।
  2. Auto Balance Display:
    • ये cool है! हर successful transaction के बाद, तुम्हारा updated balance स्क्रीन पर automatically दिख जाएगा। मतलब, बार-बार check करने की ज़रूरत नहीं!
  3. Account Linking पर कैप (Cap):
    • अब तुम एक दिन में 25 से ज़्यादा bank accounts लिंक नहीं कर सकते। ये security के लिए है।
  4. Transaction Status Check:
    • अगर कोई transaction pending है, तो तुम सिर्फ़ 3 बार ही उसका status चेक कर सकते हो। और हाँ, हर चेक के बीच कम से कम 90 सेकंड का गैप ज़रूरी है।
  5. UPI Autopay का टाइम बदला:
    • EMI, SIP, या subscription जैसी recurring payments अब सिर्फ़ non-peak hours में ही प्रोसेस होंगी।

अक्टूबर 2025 के बाद के बड़े अपडेट्स (Upcoming Updates)

October 2025 के बाद से कुछ और बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे:

  1. P2P Collect Request Discontinue:
    • NPCI ने peer-to-peer (P2P) ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ या pull transaction फ़ीचर को discontinue करने का निर्देश दिया है। Reason? Security बढ़ाना।
  2. Dispute Settlement में सुधार:
    • November 3, 2025 से NPCI ट्रांजैक्शन settlement cycles को authorized transactions और dispute settlements के लिए अलग करेगा। यह disputes को और तेज़ी से निपटाने में मदद करेगा।
  3. शुल्क (Charges) पर Clarity:
    • RBI Governor ने clarify किया है कि UPI transactions पर charge लगाने का कोई proposal अभी नहीं है। Good news! लेकिन सिस्टम को sustainable रखने के लिए cost किसी न किसी को तो उठानी पड़ेगी।
  4. Wallet-Based Payments पर Interchange Fee:
    • अगर तुम wallets का इस्तेमाल करके ₹2,000 से ऊपर का UPI payment करते हो, तो merchants पर Interchange Fee (लगभग 0.5%–1.1%) लगेगी। ये fee customer पर नहीं लगती!

आपके लिए क्या बदला?

पुराना नियम नया नियम (Aug 1, 2025)
Balance Check अनलिमिटेड
Autopay Processing किसी भी समय
Pending Status Check अनलिमिटेड

Final word: UPI बदल रहा है, पर यह बदलाव हमारे लिए सुविधा, सुरक्षा और गति लाएगा। हमें बस नए limits और timings का ध्यान रखना होगा।

क्या तुम अपने किसी Autopay को adjust करने वाले हो?

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