दोस्तों, राज्य सरकार की ओर से आज एक बड़ा और खुशखबरी भरा ऐलान किया गया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि 526 जोड़ों की शादी पूरी तरह से फ्री कराई जाएगी, और इसके साथ ही हर नवविवाहित जोड़े को सरकार की ओर से ₹1 लाख रुपये का कैश बेनिफिट भी दिया जाएगा। यह फैसला समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है।
मुख्यमंत्री का बड़ा एलान – “शादी अब होगी सम्मान के साथ”
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक सहायता देना नहीं है, बल्कि उन परिवारों को सम्मानपूर्वक जीवन की शुरुआत करने में मदद करना है, जिनके पास शादी का खर्च उठाने की क्षमता नहीं है।
इस स्कीम के तहत सरकार एक साथ 526 जोड़ों की सामूहिक शादी कराएगी।
यह आयोजन राज्य के अलग-अलग जिलों में होगा, जिसमें प्रशासन, सामाजिक कल्याण विभाग और पंचायत प्रतिनिधि सक्रिय रूप से शामिल रहेंगे।
क्या है योजना की मुख्य बातें?
इस योजना का नाम है – “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना 2025”।
इसके तहत पात्र जोड़ों को निम्नलिखित लाभ दिए जाएंगे:
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फ्री मैरिज अरेंजमेंट: विवाह का पूरा आयोजन सरकार की देखरेख में होगा।
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₹1 लाख का कैश बेनिफिट: शादी के बाद प्रत्येक जोड़े को सीधे उनके बैंक खाते में यह राशि ट्रांसफर की जाएगी।
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जरूरी सामान की व्यवस्था: शादी के बाद नवविवाहित जोड़ों को आवश्यक घरेलू सामग्री जैसे बिस्तर, किचन सेट और कपड़े भी दिए जाएंगे।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
सरकार ने इस योजना के लिए कुछ पात्रता शर्तें तय की हैं ताकि वास्तव में जरूरतमंद परिवारों को ही इसका लाभ मिले।
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दूल्हा-दुल्हन दोनों की उम्र कानूनन शादी की उम्र (लड़की 18 साल, लड़का 21 साल) से अधिक होनी चाहिए।
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आवेदक राज्य के स्थायी निवासी होने चाहिए।
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परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
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यह योजना गरीब, मजदूर, किसान और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए विशेष रूप से बनाई गई है।
आवेदन कैसे करें?
इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और सरल रखी गई है।
आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को अपने आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और उम्र प्रमाण पत्र की स्कैन कॉपी जमा करनी होगी।
इसके बाद, पंचायत या नगर निकाय स्तर पर आवेदन सत्यापन किया जाएगा और चुने गए जोड़ों को सामूहिक विवाह कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य – “हर बेटी की शादी बिना बोझ के”
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस योजना का मकसद है कि कोई भी बेटी या परिवार आर्थिक तंगी के कारण शादी जैसे पवित्र बंधन से वंचित न रहे।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार चाहती है कि समाज के हर वर्ग की बेटियाँ सम्मान और खुशियों के साथ अपने नए जीवन की शुरुआत करें। इसीलिए यह योजना न सिर्फ आर्थिक, बल्कि सामाजिक रूप से भी सशक्तिकरण का प्रतीक है।”
पहले भी मिली थी योजना को सफलता
यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने सामूहिक विवाह योजना चलाई हो।
पिछले साल भी 450 जोड़ों की शादी इसी तरह फ्री कराई गई थी, और तब भी जोड़ों को आर्थिक सहायता दी गई थी।
इस साल योजना को और बड़ा बनाते हुए इसका विस्तार 526 जोड़ों तक किया गया है।
इससे सरकार की कोशिश साफ है – “समाज के कमजोर वर्ग को सशक्त बनाना और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना।”
आयोजन स्थल और व्यवस्था
सामूहिक विवाह कार्यक्रम राजधानी सहित हर जिले के प्रमुख ब्लॉक मुख्यालयों में आयोजित किए जाएंगे।
प्रशासन की तरफ से शादी के लिए मंडप, सजावट, कैटरिंग, संगीत, और पुजारी की पूरी व्यवस्था की जाएगी।
इसके अलावा, सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधा के लिए भी विशेष इंतज़ाम रहेंगे।
जनता की प्रतिक्रिया
सरकार के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया और आम जनता के बीच सकारात्मक माहौल देखने को मिला है।
लोगों ने कहा कि यह कदम गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि आज के समय में शादी का खर्च बहुत बढ़ गया है।
कई सामाजिक संगठनों ने भी मुख्यमंत्री के इस कदम का स्वागत किया है और इसे “समाज में समानता और सम्मान की दिशा में ऐतिहासिक पहल” बताया है।
विशेषज्ञों की राय
सामाजिक विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी योजनाएँ सिर्फ आर्थिक मदद नहीं देतीं, बल्कि समाज में समूहिकता और सहयोग की भावना को भी मजबूत करती हैं।
अगर इसे नियमित रूप से चलाया गया तो आने वाले वर्षों में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों में सामाजिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
भविष्य की योजना
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस स्कीम को और व्यापक बनाने की योजना पर काम कर रही है।
आने वाले चरण में यह योजना ग्रामीण इलाकों की महिलाओं, विधवाओं और दिव्यांग जोड़ों तक भी पहुंचाई जाएगी।
इससे “समान अवसर – समान सम्मान” के सिद्धांत को और मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा ने उन सैकड़ों परिवारों को उम्मीद की नई किरण दी है जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों की शादी को लेकर चिंतित थे।
फ्री सामूहिक विवाह और ₹1 लाख कैश बेनिफिट के साथ यह योजना न सिर्फ सामाजिक बदलाव का प्रतीक बनेगी, बल्कि राज्य सरकार की संवेदनशील नीति का उदाहरण भी साबित होगी।
2025 में जब ये 526 जोड़े विवाह बंधन में बंधेंगे, तो यह सिर्फ एक समारोह नहीं होगा — बल्कि यह उस भारत का प्रतीक होगा जहाँ हर बेटी और हर परिवार सम्मान, समानता और खुशी के साथ अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर सकेगा।