दोस्तों, आपने भी शायद सोशल मीडिया या किसी व्हाट्सऐप ग्रुप में देखा होगा कि लोग कह रहे हैं – किसानों को पीएम किसान योजना के तहत अचानक 25 लाख रुपये भेज दिए गए। पहली बार पढ़ते ही यह सुनकर कोई भी चौंक सकता है। मन में सवाल उठता है – क्या सरकार ने वाकई इतना पैसा बांटा है? चलिए, इस खबर की तह तक चलते हैं।
असलियत क्या है?
मैंने जब इस खबर की जांच की तो सामने आया कि 25 लाख रुपये वाली बात बिल्कुल सच नहीं है। हकीकत यह है कि हाल ही में सरकार ने PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त जारी की है। इसमें किसानों को सामान्य तौर पर मिलने वाले ₹2,000 ही दिए गए हैं।
यह पैसा खासकर पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भेजा गया है, जहां हाल की बाढ़ और भूस्खलन से किसान बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
PM Kisan Yojana का असली ढांचा
-
इस योजना में किसानों को हर साल ₹6,000 मिलते हैं।
-
रकम तीन किस्तों में आती है – हर चार महीने में ₹2,000।
-
पैसा सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में DBT से भेजा जाता है।
सीधी बात करें तो, यह कोई नई योजना नहीं है और न ही किसी किसान को लाखों रुपये मिले हैं।
25 लाख रुपये” वाली अफवाह क्यों फैली?
ऐसी अफवाहों के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
-
शायद किसी रिपोर्ट में आंकड़ा गलत छप गया।
-
कुछ लोग जानबूझकर सुर्खियों को सनसनीखेज बनाते हैं ताकि खबर पर ज्यादा क्लिक आए।
-
सोशल मीडिया पर अक्सर फर्जी मैसेज घूमते रहते हैं, जिन पर बिना सोचे-समझे लोग भरोसा कर लेते हैं।
किसानों के लिए फायदा
-
भले ही रकम सिर्फ ₹2,000 है, लेकिन संकट के समय यह किसानों के लिए थोड़ी राहत जरूर देती है।
-
इससे बीज-खाद खरीदने या छोटे खर्च पूरे करने में मदद मिलती है।
-
बड़े पैमाने पर देखें तो सरकार ने इस बार 27 लाख किसानों को फायदा पहुँचाया है और लगभग ₹540 करोड़ ट्रांसफर किए हैं।
सावधानी क्यों जरूरी है?
सरकार और मंत्रालय पहले ही किसानों को चेतावनी दे चुके हैं कि फर्जी मैसेज से बचें।
-
किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
-
अपनी निजी जानकारी (OTP, अकाउंट नंबर) किसी को न दें।
-
हमेशा असली जानकारी PM-Kisan की आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।
दोस्तों, साफ है कि “25 लाख रुपये” वाली खबर केवल एक अफवाह है। असली बात यह है कि किसानों को योजना के तहत सामान्य ₹2,000 की किस्त ही मिली है।
इसलिए, अगली बार जब आपको सोशल मीडिया पर ऐसी बड़ी-बड़ी बातें दिखें, तो उसे तुरंत सच न मानें। पहले खबर की जाँच करें और केवल भरोसेमंद स्रोतों से ही जानकारी लें।